RBSE 10th 12th Exam 2021 : सीबीएसई 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने के बाद अब गहलोत सरकार ने भी राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) की 10वीं 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। आरबीएसई 10वीं 12वीं परीक्षाओं को लेकर बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के बाद शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 10वीं 12वीं कक्षा के रिजल्ट का फॉर्मूला राजस्थान बोर्ड और शिक्षा विभाग मिलकर तय करेंगे। आपको बता दें कि इस बार 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए 21.58 लाख से ज्यादा विद्यार्थी पंजीकृत है। इसमें 10वीं में करीब 12 लाख व 12वीं में करीब साढे़ 9 लाख स्टूडेंट हैं।



कैबिनेट बैठक के बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि यह फैसला छात्रों के हित में लिया गया है। छात्रों को किस आधार पर मार्क्स दिए जाएंगे, इसका फॉर्मूला राजस्थान बोर्ड और शिक्षा विभाग के अधिकारी मिलकर तय करेंगे। 





शिक्षा मंत्री ने कहा कि बैठक में बोर्ड परीक्षाओं को निरस्त करने के बाद रिजल्ट तैयार करने के लिए दूसरे विकल्पों पर भी चर्चा हुई। हालांकि, यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि बोर्ड किसी आधार पर छात्रों के रिजल्ट तैयार करेगा। 


इससे पहले राजस्थान बोर्ड अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली ने कहा था कि राज्य सरकार का जो भी निर्णय होगा, बोर्ड उस निर्णय को क्रियान्वित करेगा। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं इस बार 6 मई से शुरू होने वाली थी लेकिन कोविड-19 महामारी की भयावह लहर के चलते इन्हें स्थगित कर दिया गया था। 


प्रियंका गांधी ने की थी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से छात्र-हितैषी निर्णय की अपील



कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से छात्र-हितैषी निर्णय लेने की अपील की थी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि 'CBSE की तरह राज्यों के बोर्डों को भी छात्रों, अभिवावकों, शिक्षकों की बात सुनकर 12वीं की परीक्षा के संदर्भ में छात्र-हितैषी निर्णय लेने चाहिए। मेरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, शिक्षा मंत्रियों से अपील है कि अपने निर्णयों में छात्रों की आवाज, उनके स्वास्थ्य की रक्षा को महत्व दें।'



वैसे राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कोरोना के दौरान सीबीएसई परीक्षाओं के आयोजन का विरोध करती आईं हैं। ऐसे में संभव है राजस्थान सरकार और बोर्ड परीक्षा रद्द कर दे। हालांकि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा बार-बार संकेत दे चुके हैं कि परीक्षा होगी। राजस्थान बोर्ड भी परीक्षाओं को करवाने के पक्ष में नजर आया है। 


राजस्थान में संयुक्त अभिभावक संघ ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से राज्य सरकार को भी पत्र लिखकर वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं परीक्षा रद्द कराने की मांग की है। संघ जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने कहा कि श्रीमती वाड्रा को केवल सीबीएसई बोर्ड में पढ़ रहे बच्चों की ही फिक्र है, उनको कांग्रेस शासित राजस्थान पर भी ध्यान देना चाहिए जहां 22 लाख बच्चें जो 10वीं और 12वीं में पढ़ रहे है। देश मे तीसरी लहर की आहट देखी जा रही है और राजस्थान में 10 दिनों में तीन हजार से अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित बताये जा रहे है। 



राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कुछ दिनों पहले कहा था कि सीबीएसई ने बोर्ड एग्जाम्स को लेकर दो विकल्प दिए हैं। हमने पहले विकल्प को चुना है, जिसमें मेजर सब्जेक्टस के एग्जाम लिए जाएंगे। शेष पेपर्स का मूल्यांकन इंटरनल असेसमेंट से किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बोर्ड ने सरकार को काफी ऑप्शन दिए हैं। अगर हालात सामान्य नहीं होते तो 11वीं में बोर्ड हो सकता है। 11वीं की परीक्षा में 10वीं के सवाल भी पूछे जा सकते हैं।


शिक्षा मंत्रा डोटासरा ने यह भी कहा था कि सीबीएसई के फैसले के बाद अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से परीक्षाओं को लेकर चर्चा करने के बाद परीक्षाओं पर अंतिम फैसला किया जाएगा।


राजस्थान बोर्ड भी छात्रों के हित में सीबीएसई जैसा फैसला ले : सतीश पूनिया

राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने सीबीएसई बारहवीं की परीक्षा रद्द करने के निर्णय को छात्रों की सुरक्षा में उचित निर्णय बताते हुए राज्य सरकार से राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) के परीक्षार्थियों के हित में भी ऐसा ही निर्णय लेने की मांग की है। सीबीएसई का फैसला आने के बाद डॉ. पूनियां ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीबीएसई 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने का फ़ैसला छात्रों की सुरक्षा एवं ऐसे माहौल में तनाव मुक्त करने का उचित निर्णय है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परीक्षार्थियों के हित में भी ऐसा ही निर्णय ले